Menu
blogid : 14867 postid : 712311

यमकी इच्छा

सत्य सहज है
सत्य सहज है
  • 50 Posts
  • 38 Comments

इन्द्र लोक मे भा हंगामा ,
यम ने दिये इस्तीफा ,
बड़ी मशक्कत करके हारे ,
फिर भी बनी न बात ,
आपातकालीन अधिवेशन बुलवाये ,
कुर्सी अगल-बगल लगवाये,,,,
फिर भी हुआ न काम ,
बड़ी दस्तान अनोखी ,,
पता नहीं क्या आज,
यहाँ यम को है सूझी
नित -नित बढ़ती जनसंख्या ,
समाचार देवन सब पाये ,,
नियम भंग कानून बताये ,
इन्द्र लोक मे भा हंगामा ,
यम ने दिये इस्तीफा ,
फिर भी बनी न बात ,,,,
करें नित बात अनोखी,,,,,
इन्द्र लोक मे हुई है चर्चा ,
यम ने दिया इस्तीफा
आखिर यम का क्या फरमान ,,,
देख जमाने की रूसवाई,
दर्द हमारे दिल मे आई,,
कुछ समय की छुट्टी ले लूँ,
देखूँ जमाने की रौनक ,
मातम की दुनियाँ से ऊब गया हूँ,
खुशहाली मे झूम रहा हूँ,
सारे जहां का मजमून रहा हूँ,,,
मुझे देख जन-जन घबराते,
मुझसे पार कोई नहि पाते ,
म़ैं,दुनियाँ का अटल सत्य हूं,,
करती दुनिया मुझपर फक्र है ,
कालों का म़ैं काल रहा हूँ,,
जन -जन को बेहाल किया हूँ
दुनियाँ मे सरनाम रहा म़ैं,,,
जीवन को यम फाँस मे फाँस रहा म़ैं,,,,
इन्द्र लोक मे भा हंगामा
यम ने दिये इस्तीफा

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply